मिशन इंद्रधनुष 2 में हुआ शत-प्रतिशत टीकाकरण सफलता

वाराणसी, जनपद के चार वासी जनजार ब्लॉकों में दिसंबर 2019 से मार्च 2020 तक चार चरणों में सघन मिशन इंद्रधनष 2.0 अभियान सफलतापूर्वक चलाया गयाअभियान में छूटे लक्षित बच्चों एवं गर्भवती महिलाओं से अधिक टीकाकरण किया गया। चार चरणों में जिले को कुल 140 प्रतिशत बच्चों और 156 प्रतिशत गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण किया गया। वहीं हर चरण में किए टीकाकरण की उपलब्धि र लक्ष्य से अधिक हासिल हई है। यह अभियान जिले के अराजीलाइन काशी विद्यापीठ पिंडरा और सेवापरी ब्लॉक में चलाया जा रहा है। इंद्रधनुष के या सात रंगों को प्रदर्शित करने वाले वाले इस मिशन का उद्देश्य है कि वर्ष 2020 तक सभी बच्चों का 2000 तक भी वो का टीकाकरण करना है जिन्हें टीके मामा करना है जिन्हें पीले Td-09ययातीकावास.यण लालTM नहीं लगे हैं। मुख्य चिकित्साधिकारी डा वीबी सिह चिकित्साधिकारी डॉ वीबी सिंह ने बताया कि अभियान के दौरान चारों ब्लॉकों में कुल 3,544 टीकाकरण सत्र आयोजित हुये। पामार्ग-संवर जुत्लान इन सत्रों की मदद से दो वर्ष तक कछूट हुये लक्षित 20,822 बच्चों के सापेक्ष 29,219 बच्चों का टीकाकरण किया गया। यह उपलब्धि 140 प्रतिशत रही। जबकि लक्षित 2,378 गर्भवती जबाक लाक्षत 2,378 गभवत महिलाआ के सापेक्ष 3,728 को महिलाओं के सापेक्ष 3,728 को टीडी का टीका लगाया गया। आभयान म मलिन बस्तियो, दूर- अभियान में मलिन बस्तियों, दूर- दराज क इलाला एव इट-भट्ठा आर दराज के इलालों एवं ईट-भट्रों और निमाण साइटा पर रहन वालपरिवारा परिवारों के टीकाकरण पर जोर दिया गया टीकाकरण न होने वाले या फिर आंशिक टीकाकरण वाले बच्चा का आभयान के तहत 11 तरह की बीमारियों से बचाने वाले टाक लगाए गए सीएमओ ने बताया कि प्रत्येक माह में दस दिन चल इस आभयान म सभा छूट हुय बच्चों और गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण किया जा चुका है। भा भविष्य में मिशन इंद्रधनुष अभियान की आवश्यकता न हो इसकालए र इसके लिए स्वास्थ्य विभाग राष्ट्रीय नियमित टीकाकरण कार्यकम पर टीकाकरण सफलता ीर दे रहा है। जिला प्रतिरक्षण अधिकारी एवं एसीएमओ डॉ वीएस राय ने बताया कि इस अभियान में दो तरह के बच्चों को शामिल किया गया था। पहला लेफ्ट आउट – जिन बच्चों को एक भी टीका नहीं लगा है?। दूसरा ड्राप आउट - ऐसे बच्चे जिन्होंने एक या दो टीके लगवाने के बाद बीच में अन्य टीके नहीं लगवाये। नवजात शिशुओं और बच्चों में होने वाली जानलेवा बीमारियों जैसे - पोलियो, खसरा-रूबेला, रोटा वायरस, डिप्थीरिया. टिटनेस. काली खांसी आदि से बचाने के लिए संपर्ण टीकाकरण बेहद जरूरी है। सरकार नवजात शिशुओं और बच्चों को इन बीमारियों से बचाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। यदि बच्चों का टीकाकरण समय से कराया जाए तो बच्चे जीवन भर स्वस्थ और खशहाल रहेंगे।